Homeराज्यझारखण्डश्री श्री रामराज मंदिर चिटाहीधाम का इतिहास, कथा और आध्यात्मिक महत्व

श्री श्री रामराज मंदिर चिटाहीधाम का इतिहास, कथा और आध्यात्मिक महत्व

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झारखंड के धनबाद जिले में मौजूद श्री श्री रामराज मंदिर की भव्यता देखते नहीं बनती, 220 फीट ऊंची और डेढ़ सौ फीट चौड़ी इस मंदिर में प्रभु श्री राम के साथ-साथ माता सीता, लक्ष्मण जी, राधा-कृष्ण एवं शिव-पार्वती भी विराजमान हैं.

यह मंदिर झारखंड के धनबाद मेन सिटी से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर बाघमारा के चिटाहीधाम में मौजूद है जिसे ढूल्लू महतो ने बनवाया है, झारखंड के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक रामराज मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं.

रामराज मंदिर का इतिहास

बताया जाता है कि मंदिर की असली मूर्ति 100 साल पुरानी है, मंदिर का निर्माण संगमरमर से 2 करोड़ की लागत से करवाया गया है, मंदिर में लगी संगमरमर राजस्थान से लाया गया था.

रामराज मंदिर क्यों प्रसिद्ध है

प्रत्येक वर्ष यहां बड़े ही धूमधाम से रामनवमी मनाया जाता है, साथ ही हर साल फ़रवरी माह में महायज्ञ का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.

मंदिर के बगल में एक छोटी सी झील है जहां वोटिंग की सुविधा भी है, वोटिंग की टिकट की बात की जाए तो एक बोट पर 100 रुपए देकर चार लोग वोटिंग का आनंद उठा सकते हैं.

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