झारखंड की 10 साल की मासूम को 37 वर्षीय आरोपी विजय पासवान ने गुजरात में अपनी हवस का शिकार बनाया और उसकी हत्या करने की की कोशिश की, घटना के 8 दिन बाद बच्ची की मौत हो गई, बड़ोदरा में इलाज के दौरान बच्ची जिंदगी की जंग से हार गई.
1 महीने पहले भी बच्ची के साथ किया था रेप
दरअसल 17 दिसंबर को बच्ची अपने घर के सामने खेल रही थी उस वक्त आरोपी विजय पासवान वहां आ पहुंचा और उसे अगवा कर झाड़ी में ले गया और उसे हैवानियत का शिकार बनाया और बच्ची के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया.
इलाज के दौरान पीड़िता बार-बार कह रही थी कि विजय ने पहले उसे पत्थर मारा, चाकू मारा और उसके साथ गलत काम किया, बच्चों ने यह भी बताया कि एक महीने पहले भी विजय उसके साथ रेप किया था.
झारखंड सरकार की ओर से की गई मदद
घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह को उसकी मदद के लिए भरूच भेजा था दीपिका पांडेय सिंह वहां पहुंचकर बच्चों के परिजन और बच्ची से मुलाकात की, उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए यहां से एयरलिफ्ट करना पड़े तो इसके लिए भी हम तैयार हैं, हमारी मांग है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले, दीपिका पांडेय सिंह के मुताबिक झारखंड सरकार द्वारा तीन सदस्यीय टीम भेजी गई थी ताकि बच्ची का अच्छे से इलाज हो सके झारखंड सरकार की ओर से बच्ची के परिजन को ₹400000 दी गई.
यह है पूरी मामला
दरअसल आरोपी विजय पासवान बच्ची के घर के बगल में ही रहता था और उसके पिता के साथ एक ही फैक्ट्री में काम किया करता था, बच्ची के माता-पिता मजदूर हैं वे झारखंड के पलामू के रहने वाले हैं और आरोपी झारखंड के विश्रामपुर थाना क्षेत्र के लालगढ़ विहार का रहने वाला है उसका परिवार झारखंड में ही रहता है जबकि वह गुजरात के भरूच में नौकरी करता है.
पीड़िता के इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि वह पिछले 7 वर्ष से डॉक्टरी कर रहे हैं और अपने 7 साल के करियर में ऐसा कैसे पहले कभी नहीं देखा था इस केस को देख उन्हें निर्भया हत्याकांड की याद आ गई.