दुनिया भर में शनिवार को यानी 21 दिसंबर को पहली बार विश्व ध्यान दिवस या वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया गया। आपको बता दे की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया। लिकटेंस्टीन द्वारा प्रस्तुत और भारत, बांग्लादेश और पुर्तगाल सहित देशों द्वारा सह-प्रायोजित, इस प्रस्ताव का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण का समर्थन करने की ध्यान की क्षमता के बारे में विश्व ज्ञान को बढ़ाना था।
21 दिसंबर को ही क्यों चुना गया विश्व ध्यान दिवस के लिए?
21 दिसम्बर एक प्रतीकात्मक विकल्प है, क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति के दिन पड़ता है, जो वर्ष का सबसे छोटा दिन और सबसे लम्बी रात होती है, इसलिए यह आत्मनिरीक्षण और आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है।
ध्यान लगाने से क्या – क्या फायदे होते हैं?
ध्यान लगाने से कई फायदे होते हैं जैसे की :-
* ध्यान से तनाव कम होता हैं और शांति का एहसास होता हैं
- ध्यान से रक्तचाप कम होता हैं.
- ध्यान से यादास्त और मानसिक स्पष्टता बढ़ती हैं.
- ध्यान से शरीर की रोग – प्रतिरोधी शक्ति बढ़ती हैं.
- ध्यान से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
हमें दिन में कब ध्यान लगाना चाहिए?
कई अध्ययनों के मुताबिक ध्यान एक प्राचीन अभ्यास हैं जिसे हर रोज़ सुबह सिर्फ 20 मिनट करने से आपमें शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह के बदलाव आते हैं। सुबह 4 से 6 बजे के बीच का समय जादुई माना जाता है. इस समय सूरज पृथ्वी से 60 डिग्री कोण पर होता है और आध्यात्मिक कार्य करने के लिए मिलने वाली ऊर्जा सबसे ज़्यादा समर्थित होती है। इसलिए यह समय ध्यान के लिए सबसे अच्छा हैं।
पहला ध्यान कैसे करें?
ध्यान की शुरुआती विधि : प्रारंभ में सिद्धासन में बैठकर आंखें बंद कर लें और दाएं हाथ को दाएं घुटने पर तथा बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखकर, रीढ़ सीधी रखते हुए गहरी श्वास लें और छोड़ें। सिर्फ पांच मिनट श्वासों के इस आवागमन पर ध्यान दें कि कैसे यह श्वास भीतर कहां तक जाती है और फिर कैसे यह श्वास बाहर कहां तक आती है। फिर आप धीरे – धीरे कई तरह के ध्यान कर सकते हैं जिससे आपमें शारीरिक और मानसिक विकास और तेजी से हो सके।