झारखंड में जमीन घोटाले की जांच कर रही CID को अब नए सबूत और दस्तावेजों की जरूरत पड़ी है इस मामले में CID ने रांची के उपायुक्त (DC) को पत्र लिखकर जमीन से जुड़े रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी हैं जांच में सामने आए दस्तावेजों से यह संकेत मिल रहा है कि जमीन घोटाले में बड़े पैमाने पर सरकारी अधिकारियों और दलालों की संलिप्तता हो सकती है.
जमीन घोटाले में हुई हेराफेरी
यह घोटाला जमीन के फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध कब्जे का है जांच में पता चला है कि कई भूखंडों के दस्तावेजों में हेरफेर कर उन्हें गलत तरीके से बेचा गया यह मामला तब सुर्खियों में आया जब रांची और उसके आसपास की कई कीमती जमीनों को लेकर विवाद सामने आए.
DC से मांगे गए दस्तावेज
CID ने अपने पत्र में रांची DC से उन सभी जमीनों के रिकॉर्ड की मांग की है, जिन पर विवाद की शिकायतें दर्ज की गई थीं इसमें जमीन की माप, स्वामित्व और रजिस्ट्री से जुड़े रिकॉर्ड शामिल हैं यह कदम घोटाले के हर पहलू को खंगालने और दोषियों को पकड़ने के लिए उठाया गया है.
CID को उम्मीद है कि रांची DC से मिले दस्तावेज घोटाले की तह तक पहुंचने में मदद करेंगे इससे यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि किन-किन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध रही है जांच एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि जल्द ही कई अन्य लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.