उत्तर प्रदेश में आज भी महिलाओं को जातीय भेदभाव झेलना पड़ता है दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महिलाएं हाथ में चप्पल लेकर दबे पांव चलती नजर आ रही हैं.
वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के ललितपुर का है उस गांव में जातीय भेदभाव अभी भी कायम है, अभी भी वहां के लोग रूढ़िवादी हैं, ललितपुर की महिलाएं जब भी ऊंचे जाति के घरों के सामने से निकलती हैं इन्हें अपनी चप्पल हाथों में लेनी पड़ती है.
उत्तर प्रदेश के सिमराडांग गांव में ऊंची जाति के लोगों के घरों से निकलते समय चप्पल हाथ में लेने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, स्थानीय लोगों का कहना है कि वह सदियों से यह परंपरा निभाते आ रहे हैं और आज भी यह परंपरा कायम है, ये परंपरा वर्षों से चली आ रही थी उन्होंने यह भी बताया कि यह परंपरा केवल दलित महिलाएं ही निभाती हैं.
चप्पल ना उठाने पर भरना पड़ता है जुर्माना
ललितपुर में दलित महिलाएं ऊंची जातियों के लोगों को देखकर चप्पल सर और हाथ में ले लेती हैं चाहे जितनी सर्दी हो, तपती धूप हो, उन्हें बड़ी जाति के लोगों के सामने चप्पल पहनने की अनुमति नहीं होती है.
ऊंची जाति के लोगों के सामने चप्पल पहनकर किसी भी महिला का जाना इज्जत और मर्यादा समझा जाता है, जो भी महिलाएं इस परंपरा को नहीं निभाती उन्हें जुर्माना भरना पड़ता है जुर्माने के तौर पर कुछ पैसे मंदिरों में रखवाई जाती है.