बच्चेदानी में गांठ या रसोली होने की कई कारण हो सकती है अगर आप अपने दिनचर्या में संतुलित आहार नहीं लेती, आपके मासिक धर्म 10 वर्ष के उम्र से पहले ही शुरू हो गई हो, शरीर में विटामिन डी की कमी हो या फिर आप फिजिकल एक्टिविटीज नहीं करती जिस वजह से यूट्रस में में गांठ हो जाती है, इस बीमारी को यूटेरिन फाइब्रॉइड्स भी कहते हैं, बता दें कि यह गैर कैंसर युक्त वृद्धि होती है जो आकार में भिन्न हो सकती है इसके कई लक्षण होते हैं.
1__अत्यधिक रक्तस्राव
क्या आपको पीरियड्स के दौरान भारी रक्त स्राव होते हैं या लंबे समय तक पीरियड्स चलते हैं अगर हां तो आपको बता दें कि इस प्रकार की समस्या यूट्रस में गांठ होने की वजह से होती है.
2__ज्यादा पेशाब आना
फाइब्रॉइड्स मूत्राशय पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आना
3__पेट के निचले हिस्से में दर्द होन
अगर आप पेट के निचले हिस्से में दर्द अनुभव करती हैं तो यह यूट्रस में गांठ का लक्षण है.
4__पैर और पीठ में दर्द होना
फाइब्रॉइड्स रीढ़ की नसों पर दबाव डाल सकते हैं जिससे पैर और पीठ में दर्द होते हैं अगर आप भी इस तरह की दर्द महसूस करती हैं तो इसे इग्नोर ना करें.
5__कब्ज
बच्चेदानी में गांठ होने से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है, दरअसल फाइब्रॉयड मलाशय पर दबाव डालते हैं जिससे कब्ज की समस्या बढ़ जाती है.
6__गर्भपात होना
अगर आपका बार-बार गर्भपात हो रहा है तो यह बच्चेदानी में गांठ का लक्षण है.
7__खून की कमी
अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो यह गर्भाशय में गांठ का लक्षण है चुकी बच्चेदानी में गांठ के कारण अत्यधिक रक्त स्राव होता है जिससे एनीमिया होती है.
8__अनियमित पीरियड्स आना
अनियमित पीरियड आना भी बच्चेदानी में गांठ होने की ओर इशारा करता है.
9__बार-बार उल्टी मतली महसूस करना
बच्चेदानी में गांठ होने से बार-बार उल्टी और मतली महसूस होते हैं.
बच्चेदानी में गांठ का इलाज
वैसे तो बच्चेदानी में गांठ हो जाने पर आपको डॉक्टर से इसके उपचार करवाने चाहिए लेकिन मैं आपके साथ कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे शेयर करने वाली हूं जिससे आप अपने बच्चेदानी की गांठ ठीक कर सकती हैं.
एक से डेढ़ इंच की कच्ची हल्दी के टुकड़े को ग्रेड करके जूस बनाएं जिसकी क्वांटिटी एक से डेढ़ चम्मच होनी चाहिए एवं एक प्याज के भी जूस बनाएं इसकी भी क्वांटिटी एक से डेढ़ चम्मच होनी चाहिए, इन दोनों के साथ आधे चम्मच शहद मिक्स करके सुबह खाने से 1 घंटे पहले इसका सेवन करें और शाम को भी इसी तरह जूस बनाकर खाने से 1 घंटे पहले लें इस नुस्खे को लगातार 3 महीने तक आजमाएं उसके बाद डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाएं अगर आपकी गांठ पहले से कुछ कम हुई है तो इसका लगातार सेवन करें.
फल, हरी सब्जी एवं मिनरल्स युक्त आहार ले इसके साथ ही डेयरी प्रॉडक्ट्स को भी अपने डायट में शामिल करें.
त्रिफला का सेवन करें, त्रिफला में एंटीनोप्लास्टिक एजेंट होते हैं जो हर प्रकार के गाठों से लड़ने के लिए सक्षम होते हैं.